Digital Banking Unit
डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) एक विशेष निश्चित बिंदु व्यवसाय इकाई/हब है, जिसमें डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को वितरित करने के साथ-साथ मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को डिजिटल रूप से, स्व-सेवा और सहायता प्राप्त मोड में सेवा देने के लिए कुछ न्यूनतम डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुविधा है, ताकि ग्राहकों को एक कुशल, कागज रहित, सुरक्षित और कनेक्टेड वातावरण में ऐसे उत्पादों और सेवाओं तक लागत प्रभावी/सुविधाजनक पहुंच और बेहतर डिजिटल अनुभव प्राप्त हो सके, जिसमें अधिकांश सेवाएं पूरे वर्ष किसी भी समय स्व-सेवा मोड में उपलब्ध हों।
बैंकिंग सेवाओं के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की पहुंच में तेजी लाने और इसे व्यापक बनाने के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा “डिजिटल बैंकिंग इकाइयों” (डीबीयू) की अवधारणा पेश की गई है।
बैंक ऑफ इंडिया के पास 2 जिलों में डीबीयू हैं। | ||
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क्रमांक | जगह | जोन |
1. | डीबीयू खोरधा | भुवनेश्वर |
2. | डीबीयू बिष्टुपुर | जमशेदपुर |
- एटीएम मशीन
- कैश रीसायकलर मशीन
- पासबुक किओस्क
- चेक जमा किओस्क
- व्यक्तिगत कार्ड प्रिंटिंग
- ई-केवाईसी के माध्यम से ई-प्लेटफॉर्म द्वारा खाता खोलना
- वीडियो केवाईसी के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग
- मुद्रा ऋण
- कार ऋण
- व्यक्तिगत ऋण (वेतन आधारित)
- शिक्षा ऋण
- गृह ऋण
- व्यवसायिक टर्म ऋण
- सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
- अटल पेंशन योजना
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
- व्यवस्थित निवेश योजना (SIP)
- खाता खोलना
- इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग का पंजीकरण/सक्रियकरण
- पासबुक प्रिंटिंग
- डेबिट कार्ड जारी करना
- डेबिट कार्ड को हॉटलिस्ट करना
- चेक जारी करना
- केवाईसी अपडेट
- मोबाइल नंबर / ईमेल अपडेट
- नामांकन पंजीकरण
- लॉकर खोलना
- एसएमएस अलर्ट सक्रिय करना
- 15G/H फॉर्म जमा करना
- पॉजिटिव पे सिस्टम
- विभिन्न स्थायी निर्देशों/NACH की प्रक्रिया
- बैलेंस पूछताछ